इफको

इफको एमडी ने यूरिया के अत्यधिक उपयोग के खिलाफ सचेत किया

किसानों की सबसे बड़ी सहकारी संस्था इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यू.एस.अवस्थी ने अगले चार सालों में यूरिया की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं करने की खबर को मद्देनजर रखते हुये यूरिया के अत्याधिक उपयोग के खिलाफ सरकार को सचेत किया है।

इफको के प्रबंध निदेशक ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा कि यूरिया की कम कीमत किसानों और मिट्टी के लिए लाभदायक नहीं है। उन्होंने कहा कि किसानों को सीधा सब्सिडी प्रदान की जाए और किसान खुद अपनी उपज के लिए तय करे उसे कितनी मात्रा में एन, पी, और के की आवश्यकता है। मौजूदा समय में यूरिया की कीमत बहुत कम है और इस कीमत पर हमारे किसानों को सब्सिडी लाभकारी नहीं है क्योंकि इसका उपयोग वे विवेकपूर्ण तरीके से नहीं कर रहें हैं।

बाद में इफको के एमडी ने ट्वीट किया कि “यूरिया की कम कीमत किसानों और मिट्टी के स्वास्थ्य के लिए अच्छी नहीं है। किसानों को सीधा सब्सिडी प्रदान की जाए”।

अवस्थी के शब्दों को व्यक्त करते हुए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) के मृदा विज्ञान और कृषि रसायन के प्रमुख बी.एस.द्विदेदी ने कहा कि यूरीया सबसे सामान्य नाइट्रोजन (एन) उर्वरक है, जो वैज्ञानिक नुस्खे पर ध्यान दिये बिना धड़ल्ले से प्रयोग किया जाता है। यूरिया का अत्यधिक उपयोग मिट्टी और फसल की गुणवत्ता और समग्र पर्यावरण को हानि पहुंचता है।

हालांकि विशेषज्ञ काफी लंबे समय से एन, पी और के में यूरीया के संतुलित उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए नीतीगत हस्तक्षेप की मांग करते रहें हैं लेकिन राजनीति के चलते लगातार सरकारों द्वारा यूरिया की कीमतों में वृद्धि का विरोध किया गया है। हालांकि सुझाव दिए जाते हैं कि उत्पादन के माध्यम से आपूर्ति के मामले में संतुलन बनाए रखा जा सकता है और मूल्य निर्धारण को चरणबद्ध तरीके से लिया जा सकता है ताकि यह किसानों को तुरंत प्रभावित नहीं कर सके, टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार।

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