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लाभार्थि उन्हें भूल गए; मैनें उनका स्मारक बनवाया : सुनील सिंह

विनय शाही के इस बयान पर कि क्या बिस्कोमॉन के अध्यक्ष दिग्गज सहकारी नेता तपेश्वर बाबू की भूमिका को भूल गए हैं,सुनील सिंह ने करारा जवाब देते हुए भारतीय सहकारिता को अभिलेखागार से फोटोग्राफ भेजा याद दिलाया कि उनके अपने रिश्तेदार उन्हें भूल गये थे, तब मैनें (सुनील) ने गांधी मैदान के पास स्थित बिस्कोमॉन मुख्यालय में तपेश्वर बाबू और नवल बाबू के सम्मान में स्मारक बनवाया था।

सुनील ने तस्वीरें साझा करते हुए कहा कि मैनें उनकी पत्नी और बेटे को आमंत्रित किया था, जब उनकी प्रतिमा का अनावरण किया जा रहा था और गिरिराज सिंह भी वहां मौजूद थे।

बिस्कोमॉन के अध्यक्ष ने अपना बचाव करते हुए कहा कि 27 फरवरी को रात के भोजन से पहले दिग्गज सहकारी नेता को पुष्पाजंलि अर्पित करने के लिए तमाम सहकारी नेताओं को आमंत्रण भेजा गया है। बिस्कोमॉन हमेशा तपेश्वर बाबू और नवल बाबू जैसे महान नेताओं को याद करता हैं लेकिन जिन लोगों को उनसे सीधा फायदा हुआ है वे लोग उनके प्रति दिखावटी प्रेम रखते हैं।

स्वागत समिति में विनय शाही के नाम भी शामिल करने पर, सुनील ने पूछा कि शाही सच सच सब बताए कि अखिर क्या उन्होंने पैक्स अध्यक्षों से उनके मेगा शो में शामिल किए जाने के लिए मुझ पर दबाव नहीं डाला था।

“मैं आपसे बात करना बंद कर दुंगा अगर आप विनय शाही जैसे व्यक्ति को इतना महत्व दोगे”। उन्होंने कहा कि वे राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष हो सकते हैं लेकिन उनका सहकारी क्षेत्र में कोई दबदबा नहीं है”, बिस्कोमॉन के अध्यक्ष ने कहा।

गौरतलब है कि इस माह बिस्कोमॉन बिहार में एक मेगा सहकारी सम्मेलन का आयोजन करने जा रही है, जिसमें बिहार कैबिनेट के मंत्रियों के अलावा कई दिग्गज सहकारी नेता जैसे एनसीयआई के अध्यक्ष चंद्र पाल सिंह हिस्सा लेगें। राष्ट्रीय सहकारी परिदृश्य में सुनील सिंह के दबदबा का आंदजा इससे पता लगाया जा सकता है, तीन राष्ट्रीय सहकारी महासंघों एनसीयूआई, नफ्सकॉब और कृभको की बोर्ड की बैठक बिहार में होगी जिससे की मेगा सहकारी सम्मेलन में अधिक से अधिक सहकारी नेता भाग ले सकें।

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