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सहकारिता में महिलाओं की भागीदारी जरूरी : अवस्थी

महिलाओं को सहकारी आंदोलन से जोड़ने को लेकर अपने वादे पर खरा उतरते हुए इफको के प्रबंध निदेशक डॉ यू.एस.अवस्थी किसानों से मिलने के अभियान में सक्रिय हैं। सहकारी समितियों के कामकाज में महिलाओं को प्राथमिकता देने की जरूरत है, एमडी ने कलोल में संवाददाता सम्मेलन में कहा।

स्वर्ण जयंती भव्य समारोह मनाने के बाद इफको के प्रबंध निदेशक अगली सुबह से ही पूरे देश के किसानों से मिलने के लिए निकल गए थे।

प्रबंध निदेशक के साथ-साथ उनकी चुनिंदा टीम ने मेहसाणा, वडोदरा और सूरत का दौरा किया।” हमारे निदेशक हमारे साथ होंगे, जब उनके लिए संभव होगा,” उन्होंने एक साल लंबे कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए पत्रकारों को सूचित किया।

डॉ अवस्थी ने अभियान के संदर्भ में तीन बातों पर ज्यादातर जोर दिया। ये हैं, “मिट्टी की जान किसानों की शान” का नारा, दूरदराज इलाके में खाद अपूर्ति का एक व्यापक केंद्र, तीसरा सहकारी सिद्धांत-आप अपनी जरूरत के अनुसार लाभ कमाए।

इफको बाजार या कृषि दुकानों की अवधारणा को स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि यहां उर्वरक, बीज, मशीनरी के साथ बुनियादी चिकित्सा जैसी सुविधाएं उपलब्ध होगी। गांवों में लोगों को पता नहीं कि उन्हें उच्च रक्तचाप या मधुमेह है; हम केवल उनकी मदद नहीं करेंगे बल्कि उनकों चिकित्सा जांच के साथ-साथ डाक्टरों के साथ फोन से जुड़ने के लिए भी कहेंगे।

मैं खुश हूं कि 56 ऐसे केंद्र काम कर रहें है, मुझे सीईओ मनीष गुप्ता ने बताया। मार्च 2017 तक 400 से अधिक केंद्र खोलने का हमारा लक्ष्य है और अगले साल तक यह आंकड़ा हजार को पार होगा, अवस्थी ने कहा।

मेहसाणा में इफको एमडी और उनकी टीम का किसानों द्वारा स्वागत किया गया। “मैं खुश हूं उनसे मिलकर”, अवस्थी ने कहा। इस अवसर पर इफको के उपाध्यक्ष और जीसीएमएमएफ के अध्यक्ष जेटाभाई पटेल भी उपस्थित थे। एमडी ने इफको के बारे में संस्मरण सुनाया।

कई सहकारी नेता एनसीयूआई के उपाध्यक्ष जी.एच.अमीन और अमूल दूध संघ के अध्यक्ष रामसिंह परमार ने वडोदरा की बैठक में भाग लिया। 800 से अधिक सहकारी नेताओं ने शिरकत की। टीम ने इफको द्वारा आयोजित प्रदर्शनी “इफको किसान बाजार” का भी दौरा किया।

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