नफेड अपने खराब दिनों में चल रहा है, केवल वित्तीय आधार पर ही नहीं. एक बडी चुनौती इसके स्वरूप को बदलने की धमकी दे रही है.
सरकार इसकी सहायता करने को तैयार है लेकिन बिना स्वरूप बदले नहीं. सरकार चाहती है कि नफेड ५१% शेयर उसे दे दे साथ ही बडे अधिकारियों की नियुक्ति ऑर हटाने का अधिकार भी.
सरकार यह भी चाहती है कि नफेड उसकी इक्षानुशार नियमों को बदल कर उसके इशारे पर नाचे. न्यायालय केवल ढांचे का पुनर्गठन चाहती है, स्वरूप बदलना नहीं.
सरकार नफेड को दो करोड रुपए का बेल आउट पैकेज देना चाहती है अगर वह इन बदलावों को लाता है.
सुत्रों के अनुसार, नफेड को अभी भी इन शर्तों को स्वीकारना बाकी है जिनसे सरकार को इस पर काफी नियंत्रण प्राप्त हो सके. अगर प्रस्तावों को स्वीकार लिया जाता है तो सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि किसी अन्य गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति न मिले, विशेषकर बेकार तरह के व्यापार – उन्होंने जोडा.