नैफेड बोर्ड की 19 तारीख की बैठक कोई प्रभाव नहीं छोड सकी. सदस्य श्री बीजेन्दर सिंह, अध्यक्ष को घेरे रहे जो इस्तीफा देने का मन बना चुके थे. सूत्रों के अनुसार, सदस्यों ने कहा कि यदि अध्यक्ष ऐसा कोई कदम उठाते हैं तो वे भी इस्तीफा दे देंगे. नैफेड की राजनीति से वाकिफ लोग कहते हैं कि बीजेन्दर सिंह को बचाने की यह एक सोची समझी रणनीति थी.
सरकार की 51 प्रतिशत की इक्विटी को स्वीकृति देने के लिए बोर्ड सहमत हो गया. पाठकों को पता होगा कि श्री आनंद बोस को नियम विरुद्ध हटाए जाने के बाद , 1984 बैच के आईएएस अधिकारी श्री संजीव चोपड़ा को नैफेड के एमडी के रूप में नियुक्त किया गया. कहा जा जहा है कि सरकार ने एक योजना बना ली है जिसके तहत प्रबंध निदेशक और अध्यक्ष दोनों को नैफेड से हटाया जाएगा. श्री बोस ने सचिव बनने के बाद पद छोडा दिया, लेकिन अध्यक्ष श्री सिंह पद पर बने रहने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं.
सभी जानते हैं कि भारतीयसहकारिता.कॉम के अतिरिक्त शेयर पूंजी राशि का सदस्यों द्वारा भुगतान न किए जाने के मुद्दे को उठाने बाद , उसके भुगतान की एक नई तारीख निर्धारित की गई है.
अब गेंद कृषि मंत्रालय के पाले में है. शरद पवार, केंद्रीय कृषि मंत्री को नैफेड के गतिरोध का हल खोजना होगा.