बिहार राज्य को पहला घूमने वाला रेस्तरां उपहार मिला है. ऐसा लगता है कि बिस्कोमान के अच्छे दिन फिर आए हैं.
भारतीयसहकरिता.कॉम से बात करते हुए इसके अध्यक्ष सुनील सिंह ने दावा किया कि इसका भार संभालने के बाद उन्होंने इस संगठन का काया पलट कर दिया है. इसका वार्षिक टर्न-ओवर 5 करोड़ रु. से बढकर 350 करोड़ रुपए हो गया है. यह एक छोटी उपलब्धि नहीं है.
लेकिन बिस्कोमान के लिए उज्ज्वल भविष्य के आगमन का संकेत इस बात से मिलता है कि इसे व्यापार करने का लाइसेंस प्राप्त हो गया है. बिक्री कर के बोझ से दबे इस संगठन ने देय का भुगतान कर यह उपलब्धि प्राप्त की है.
लाइसेंस तो मिल गया है पर व्यापार के लिए पैसे की अभी कमी है. व्यापार शुरू करने के लिए इसे सरकारी सहायता की अपेक्षा है. बिस्कोमान के अध्यक्ष श्री सुनील सिंह को पूरा भरोसा है कि मौसम के चरम समय में उर्वरकों की हर तरह की कालाबाजारी रुक जाएगी. सुनील सिंह पूछते हैं कि फसल का मौसम नहीं होने के दौरान यदि बिस्कोमान ऊर्वरकों का भंडारण कर ले और जरूरत के समय में किसानों को दे तो कालाबारजारी करने वाले उच्च दर पर उर्वरक कैसे बेच सकते हैं ?
फसल के मौसम में यूरिया पर आम तौर पर 100 रुपये से 150रू. तक अधिक लिए जाते हैं. अध्यक्ष कहते हैं कि उर्वरकों का भंडारण किया जाएगा और सरकार के निर्देश पर जारी किया जाएगा.
सुनील सिंह ने बिस्कोमान भवन का खाली पडा २.०० लाख वर्ग फुट का क्षेत्र किराए पर दे दिया है जिससे रु.50.०० लाख प्रति माह की अमदनी हो रही है. उन्होंने शीत भंडारण गृहों को भी किराए पर दे दिया है और बंद पडे ईंट भट्ठों को फिर से चालू करवा दिया है.
श्री नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री भी राज्य के सहकारी-परिदृश्य को बदलने को तैयार लग रहे हैं. PAC के सफल चुनाव के बाद, उन्होंने सभी सहकारी बैंकों में नियुक्ति की प्रक्रिया बहुत जल्द ही शुरू करने की घोषणा की है.
सहकारी बैंकों में कर्मचारियों की बहालियां पिछले 25 साल पहले हुई थीं. इसके परिणामस्वरूप इन बैंकों को कर्मचारियों की कमी का सामना करना पड रहा था. इससे उनका काम भी प्रभावित हुआ. राज्य में लगभग 300 सहकारी बैंक हैं जो कृषि और अन्य संबंधित गतिविधियों के लिए किसानों को ऋण देने में लगे हुए हैं.
मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार ने बिहार राज्य सहकारी विपणन संघ (BISCOMAUN) को सक्रिय करने की घोषणा की.