बहु राज्य सहकारी सोसायटी अधिनियम में प्रस्तावित सशोधन अंततः पुनर्विचार के लिए भेज दिया गया हैं. एक तरह की बड़ी जीत में डॉ. चंद्र पाल सिंह यादव और अन्य सहकारी नेताओं ने दलगत भावना से ऊपर उठकर राजनीतिक नेताओं से विधेयक को चर्चा के लिए संसदीय समिति को भेजने की भरपूर पैरवी की.
भारतीयसहकारिता.कॉम से बात करते हुए डॉ. चंद्र पाल सिंह यादव, NCUI के अध्यक्ष ने इस तथ्य की पुष्टि की कि संशोधन विधेयक स्थायी समिति को भेजा गया है.
अब समिति विभिन्न सहकारी नेताओं से प्रतिवेदन प्राप्त करेगी और इस मुद्दे पर निर्णय लेगी.
पूर्व में सहकारी नेता इस मुद्दे पर विभाजित थे. कुछ इसको बदलने के पक्ष में थे तो कुछ इसका विरोध कर रहे थे.
“यह सहकारिता मे लोकतंत्र की हत्या है” ये शब्द हैं NCUI के अध्यक्ष श्री चन्द्र पाल सिंह यादव के जो उन्होंने बहुराज्य सहकारी समिति अधिनियम मे प्रस्तावित संशोधन मे निर्वाचित बोर्ड को हटाने संबंधी प्रावधान का वर्णन करते हुए कहे.
नेहरू मेमोरियल व्याख्यान के दौरान इफ्को के अध्यक्ष श्री एस.के जाखड ने सरकार के कदम को अपना पूर्ण समर्थन प्रदान किया.