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अहमदाबाद में कोर बैंकिंग सोल्यूशन(CBS) सेवा शुरू.

अहमदाबाद में शहरी सहकारी बैंकों के लिए कोर बैंकिंग सोल्यूशन (CBS) शुरू किया गया.  हलांकि इस बात पर संदेह किया जा रहा है कि क्या CBS शहरी सहकारी बैंकों के चेकों के जल्द क्लियरेंस में मदद करेगा और भ्रष्टाचार पर रोक लग सकेगी.

अहमदाबाद में कोर बैंकिंग समाधान (सीबीएस) के अभियान के राष्ट्रीय शुभारंभ के अवसर पर शहरी सहकारी बैंको के राष्ट्रीय मिलन ‘कॉप कोर 2010’  में भाग लेते हुए श्री  पवार ने कहा कि सीबीएस बैंकों को पारदर्शी बनाएगा. उन्होंने यह भी मांग की कि भारतीय रिजर्व बैंक शहरी सहकारी बैंकों को बेहतर और प्रभावी बनाने के लिए आगे आए.

बृहद शुभारंभ में भाग लेते हुए, नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि शहरी सहकारी बैंकों को गरीबों के उत्थान के लिए प्रयास करने की जरूरत है क्योंकि  जहाँ पहुँचने में राष्ट्रीयकृत बैंक असफल हैं वहां शहरी सहकारी बैंकों को पहुंचना चाहिए.  उन्होंने आगे कहा कि बड़े असंगठित कृषि क्षेत्र और शहरी गरीबों के लिए शहरी सहकारी बैंक ही आशा की किरण सिद्ध हो सकते हैं.

व्यापार करने के पारंपरिक तरीके कुछ हद तक समय के अनुकूल नहीं हैं. सी.बी.एस. ग्राहकों को सुविधा देता है कि वे चाहे दुनिया में कहीं से भी अपने खाते संचालित कर सकें.

एक प्रमुख कदम उठाते हुए जिससे कि शहरी सहकारी बैंक एक ही बार में आधुनिक और उच्च तकनीकी युक्त हो जाएंगे, शहरी सहकारी बैंक और क्रेडिट सोसायटी लिमिटेड के राष्ट्रीय फेडरेशन  (NAFCUB) ने अग्रणी विक्रेताओं से इन बैंकों के लिए एक काफी सस्ते सॉफ्टवेयर की सौदेबाजी की है.  एक प्रयास जो काफी समय से चल रहा था के तहत NAFCUB ने  टाटा कंसल्टेंसी, Mindmill, आदि जैसी 3-4 शीर्ष सॉफ्टवेयर कंपनियों को सूचीबद्ध किया है.  इसने कंपनियों के साथ कड़ी सौदेबाजी की और दर को 12,900 रूपये तक लाया जो शहरी सहकारी बैंकों के लिए आसानी से वहन करने लायक है.  जब वे व्यक्तिगत रूप से सॉफ्टवेयर कंपनियों के साथ डील कर रहे थे, दर काफी अधिक, करीब 35,000 रु थी.

3-4 सॉफ्टवेयर कंपनियों को चिन्हित करने के बाद, NAFCUB ने शहरी सहकारी बैंकों से कहा है कि वे अपनी प्राथमिकता के अनुसार किसी भी कंपनी का चुनाव करें. इससे वास्तव में परिसंघ की भूमिका इस अर्थ में पूरी हुई है कि इसने शहरी सहकारी बैंकों के हितों की रक्षा करने के लिए अच्छी तरह से सौदेबाजी की.

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