महाराष्ट्र सरकार ने सहकारी समिति अधिनियम में संशोधन की है जो नए साल से प्रभावी हो जाएगा. इस संशोधन के द्वारा वर्तमान अधिनियम में एक सलाहकार समिति के गठन करने का प्रावधान किया गया है. इस प्रयास की सराहना करते हुए श्री मदनलाल खुराना ने कहा कि यह एक अच्छा कदम है क्योंकि हमने हमेशा हाउसिंग सोसायटी को विवाद से मुक्त रखने की कोशिश की है.
इस कानून से समय की बहुत बचत होगी क्योंकि विवाद अन्यथा महीनों तक के लिए खिंच जाएंगे. अब एक सलाहकार समिति हाथ के हाथ विवाद का समाधान कर देगी. श्री खुराना ने यह भी महसूस किया कि मॉडल के रूप में महारष्ट्र द्वारा उप नियमों में किए गए परिवर्तन का अन्य राज्यों द्वारा भी अनुसरण किया जाना चाहिए. एक सवाल पर कि सुप्रीम महासंघ इस कानून को ध्यान में रखते हुए क्या योजनाएं बना रहा है, श्री खुराना ने कहा कि हम जानकारी का इंतजार कर रहे हैं और इसके मिलते ही हम सभी राज्यों को लिखेंगे कि वे भी अपने उप अधिनियमों मे उपयुक्त बदलाव लाएं.
पाठकों को पता होगा कि हाउसिंग सोसायटी के लिए कुख्यात रही हैं कि उनपर प्रबंधन माफिया के एक समूह नियंत्रण रहता है जो अपना बाइ-लॉ बनाते हैं और सदस्यों को परेशान करते हैं. हर समय रजिस्ट्रार के पास दौडते रहना सदस्यों के लिए व्यावहारिक नहीं है. इन बातों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सलाहकार समिति की अवधारणा विकसित की है जो सदस्यों की प्रतिदिन की समस्यायों का समाधान करने मे मदद करेगी.