मध्य प्रदेश राज्य सहकारीता में धोखाधड़ी के मामलों को फास्ट ट्रैक के आधार पर निपटाने के लिए विशेष अदालत स्थापित करने पर विचार कर रहा है.
सहकारिता की शानदार अवधारणा अक्सर कुछ निहित स्वार्थ के कारण असफल हो जाती है. ऐसे लोग आम आदमी को सहकारिता के नाम पर धोखा देते रहते हैं. ऐसे हजारो मामले उन लोगों के विरुद्ध लंबित हैं जिन्हें सहकारी माफिया के रूप में जाना जाता है.
दुःखद बात यह है कि ये लोग गलत काम करते चले जाते हैं क्योंकि उन्हें उम्मीद होती है कि देश में मंथर गति से चलने वाली न्यायिक प्रक्रिया उन्हें कभी पकड़ नहीं पाएगी.
लेकिन मध्य प्रदेश के सहकारिता मंत्री गौरी शंकर बिसेन ऐसे गलत काम करने वालों को पकड़ में लाने के लिए दृढ़ हैं. उन्होंने आश्वासन दिया है कि वे सहकारी संगठनों के खिलाफ मामलों की जांच के लिए विशेष अदालत स्थापित करने के संबंध में मंत्रिमंडल में एक प्रस्ताव लाएंगे.
इस तरह के प्रयाश प्रशंसनीय हैं और हमें आशा है कि अन्य राज्य भी मध्य प्रदेश के नक्शेकदम पर चलेंगे.