केंद्रीय कृषि और सहकारिता मंत्री शरद पवार सबसे ईमानदार लगते हैं जब वे प्याज की कीमतों को कम करने के मुद्दे पर बातें करते हैं. उन्होंने कहा कि कीमतें जल्द ही कम नहीं होंगी. इस बात के लिए दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षितसहित विभिन्न राज्यों के मंत्रियों ने तुरंत उनकी आलोचना की है.
सरकार के बड़े-बड़े दावों और सब्जबाग दिखाने के बावजूद प्याज की कीमतें 60 रुपये से 90 रुपये प्रति किलोग्राम के बीच मँडराती रही हैं. दिल्ली के मंत्री हारून यूसुफ का अब फिर से कहना है कि मंगलवार से नैफेड, मदर डेयरी और एनसीसीएफ की 400 दुकानों के माध्यम से प्याज 35 रुपये प्रति किलो की दर से बेची जाएगी.
दिल्ली में प्याज की मौजूदा बाजार दर 60-65 रुपये है. पहले भी, दिल्ली सरकार ने अपनी दुकानों के माध्यम से सस्ते दर पर प्याज बेचने की बात की थी लेकिन कीमतों में जल्द ही संशोधन कर वृद्धि की गयी. नया तमाशा कब तक चलेगा, इसका अनुमान कोई भी लगा सकता है.
कहा जाता है कि केंद्र सरकार ने एनसीसीएफ और नाफेड को 35 रु. प्रति किलो की दर से प्याज बेचने के लिए भारी सब्सिडी दी है. लेकिन दिलचस्प बात यह है कि इस सब्सिडी की घोषणा केन्द्र सरकार द्वारा नहीं बल्कि दिल्ली के नागरिक आपूर्ति मंत्री हारून यूसुफ के द्वारा की जा रही है!
यह चूहे-बिल्ली का खेल कब तक चलेगा, इसका सबसे अच्छा जवाब खुद पवार ही दे सकते हैं. जहां तक प्याज के मूल्य का सवाल है, सरकार से केवल लोकलुभावन घोषणाओं की ही आशा की जा सकती है.