17 जनवरी को हुए Fishcofed के चुनाव में महाराष्ट्र के श्री प्रकाश लोनारे अध्यक्ष और उड़ीसा के श्री पी. डोरा उपाध्यक्ष के रूप में निर्वाचन हुए. यह चुनाव बहुत रुचि से लड़ गया था.
Fishcofed के बोर्ड के 10 निर्देशकों के लिए भी चुनाव होने थे परंतु उनमें से 8 निर्विरोध चुन लिए गए और दो के लिए चुनाव कराने पड़े. वे बिहार और उत्तर प्रदेश से थे. लोनारे के सभी समर्थक जीत गए और वह निर्विरोध निर्वाचित हुए.
बोर्ड के गठन के बाद दूसरे चरण में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चयन होना था. लेकिन भारी जनादेश के कारण प्रकाश लोनारे बिना लड़े ही विजेता बन गए. तीन मनोनित सदस्यों में से केवल एक ही उपस्थित थे और उन्होंने भी जनादेश का सम्मान करने का फैसला किया. श्री लोनारे और श्री डोरा को विजयी घोषित किया गया.
छह क्षेत्रों में से पांच – पूर्व, पश्चिम, दक्षिण, मध्य और उत्तर-पूर्व ही सक्रिय हैं. उत्तरी क्षेत्र में नाम मात्र की ही गतिविधियों हैं. प्रत्येक क्षेत्र से दो निदेशकों का निर्वाचित होना था.
कुछ लोगों ने मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए अंतिम समय मे मारामारी की. चुनाव को रोकने के लिए अदालत में याचिका भी दाखिल की गई लेकिन अदालत ने आवेदन को अस्वीकार कर दिया और फैसला सुनाया कि बोर्ड का चुनाव समय पर ही हो.
कुल ३७ मतदाताओं में से अधिकांश ने इस बार मतदान किया. नाईम अंसारी ने मतदाताओं का मूड भांप लिया था इस लिए चुनाव से दूर रहे.