हर व्यक्ति का एक व्यक्तित्व होता है. यह उसके पद या उसकी शक्ति पर निर्भर नहीं करता. आदमी की सहज सरलता ही है जो या तो लोगों को आकर्षित करती है या दूर भगाती है. बदकिश्मती से किसी-किसी की वास्त्विक पहचान उसकी मौत के बाद स्पष्ट होती है. सुरेंद्र जाखड़ का व्यक्तित्व बहुत विशाल था जिसका अंदाजा उनकी मृत्यु के बाद ही लग पाया. दोस्त और दुश्मन सभी कतार में खड़ा होकर अलविदा कह रहे थे. उनमें मतभेद तो हो सकता था लेकिन ईर्ष्या-द्वेष जैसी कोई बात नहीं थी.
इफको परिवार तो इस समाचार से पूरी तरह से स्तब्ध है और अभी तक सदमे से बाहर नहीं आया है. दुनिया भर से उनके लिए शोक संदेश की बाढ़ सी आने लगी हैः
हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने इफको के चेयरमैन के निधन पर शोक व्यक्त किया है. अपने शोक संदेश में हुड्डा ने सहकारिता के क्षेत्र में उनके योगदान को याद किया. उन्होंने इसे व्यक्तिगत क्षति बताया क्योंकि श्री जाखड़ से उनका पारिवारिवारिक संबंध था. एक अलग संदेश में, कांग्रेस सांसद दीपेन्दर सिंह हुड्डा ने भी शोक संतप्त परिवार के लिए सहानुभूति व्यक्त की है.
चन्द्र पाल सिंह यादव, अध्यक्ष, NCUI: हमने एक महान सहकारी नेता खो दिया है और यह भारत में सहकारी आंदोलन के लिए एक अपूरणीय क्षति है. देश का संपूर्ण सहकारी परिवार गहरे शोक में है क्योंकि सहकारी आंदोलन के विकास के लिए समर्पित एक नेता अब हमारे बीच नहीं हैं. NCUI जल्द ही दिवंगत आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना करने के लिए सभी सहकारी नेताओं को निमंत्रण देकर एक शोक सभा बुलाएगी.
बिजेन्दर सिंह, अध्यक्ष, नैफेड: वह एक ख़ास नेता थे और उनका आकश्मिक निधन पूरे सहकारित परिवार के लिए एक बड़ी त्रासदी है. वह एक जमीनी स्तर के नेता थे जो गांव, राज्य और राष्ट्र – सभी स्तरों से एक साथ जुड़े हुए थे. वह एक अंतरराष्ट्रीय ख्याति के व्यक्ति थे. उन्होंने अंतिम क्षण तक सारी दुनियां की सहकारी समितियों को एक परिवार के रूप में जोड़ने की कोशिश की. मैं उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करता हूं.
वीरेन्द्र सिंह, अध्यक्ष, एनसीसीएफ: उनके निधन से सहकारिता आंदोलन को बहुत बड़ा झटका लगा है क्योंकि आज के जमाने में उनके जैसा सरल इंसान का मिलना मुश्किल है. संपूर्ण सहकारी परिवार के लिए यह एक कभी न भरी जा सकने वाली क्षति है.
राम इकबाल सिंह, अध्यक्ष NACOF: वह एक करिश्माई नेता थे जो लोगों को सहकारिता जगत की ओर चुम्बक की तरह खींचा करते थे. उनके जाने से जो शून्य बन गया है वह किसी भी तरह भरा जाने वाला नहीं है.