रिजर्व बैंक ने कहा है कि सहकारी बैंक अपनी कुल संपत्ति का 5 प्रतिशत से अधिक आवास ऋण के रूप में नहीं दे सकते हैं. इससे पहले, राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंकों को 10% तक की अनुमति दी गई थी. इन बैंकों को कहा गया है कि वे छः माह के अन्दर संशोधित सीमाओं को लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाएं.
आर.बी.आइ का कहना है कि राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंकों की संपत्ति का पिछले वित्तीय वर्ष के ऑडिट के आधार पर आकलन किया जाएगा.
इस निर्णय से ऋणदाताओं की अचल संपत्ति के लिए जोखिम में कटौती होगी. आवास ऋण के लिए उपरोक्त संशोधित सीमा तत्काल प्रभाव से लागू होगी.
राज्य और केंद्रीय सहकारी बैंकों को पहले एक व्यक्ति को 20 लाख रुपये तक आवास ऋण देने की अनुमति थी. 100 करोड़ और इससे अधिक की निवल मूल्य वाले बैंक के मामले में यह सीमा 30 लाख रुपए थी.