मदुरै कलेक्टर, हालांकि एक गैर सहकारी आदमी हैं, ने सहकारिता के प्रयास का का एक बेहतरीन उदाहरण के शुरू किया है. कलेक्टर सी कामराज ने एक तरीका का इजाद किया है जिसके तहत प्राथमिक सहकारी समितियां उपभोक्ताओं को सीधे खेत से सब्जियों की बिक्री करेंगी.
उन्होंने अपने विभाग से सब्जी उत्पादकों की सूची तैयार करने को कहा है जो अपने उत्पाद सीधे सहकारी बैंकों को बेचेंगे और बैंक सहकारी समितियों की मदद से उन्हे उपभोक्ताओं को बेचना सुनिश्चित करेंगे.
इस प्रयस से मुल्यों में भारी गिरावट देखी गई है. बैंगन की कीमत सहकारी दुकानों पर 24 रुपये से गिरकर 13 रुपए प्रति किलो हो गई है. विभिन्न इलाकों मे सब्जी के बहुत सारे स्टाल खुले. कलेक्टर और अधिक स्टाल खुलवाने के लिए दृढ़ हैं.
सहकारी आंदोलन के इस तरह के सैनिकों को NCUI जैसे संगठन द्वारा सम्मानित किया जाना चाहिए.