दो साल में एक बार होने वाले समारोह में नई दिल्ली में 27 प्राथमिक सहकारी समितियों को उनके अनुकरणीय कार्य के लिए उत्कृष्टता पुरस्कार 2010 से सम्मानित किया गया. ये पुरस्कार कृषि और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री श्री अरुण सुभाषचंद्र यादव ने प्रदान किए.
इस अवसर पर बोलते हुए श्री यादव ने कहा कि केंद्र बहु-राज्य सहकारी सोसायटी अधिनियम में संशोधन करने और एक संविधान संशोधन विधेयक लाने पर विचार कर रहा रहा है. इन विधेयकों द्वारा प्रणाली की कार्यात्मक और संरचनात्मक समस्याओं को दूर करने की कोशिश की जाएगी. उन्होंने कहा कि वे कोशिश करेंगे कि प्रत्येक राज्य से पुरस्कार के लिए सहकारी समितियों की संख्या में वृद्धि की जाय.
विभिन्न प्रकार और स्तर की 6 लाख सहकारी समितियां गांवों से शहरों तक फैली हुई हैं. इनकी सदस्य संख्या 25 करोड़ से अधिक है. ये समितियां आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं एवं ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ाने और आजीविका के लिए कृषि पर निर्भरता कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही हैं. कृषि के अलावा अन्य साधनों और अवसरों को बढ़ावा देने तथा मूलभूत सुविधावों का प्रबंध करने में भी इनका उल्लेखनीय योगदान है, मंत्री महोदय ने कहा.
पुरस्कार शरद पवार देने वाले थे, लेकिन अन्य मामलों में व्यस्त होने के कारण वे समारोह में नही आ सके. यह पुरस्कार “राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम” (एनसीडीसी) द्वारा प्रत्येक राज्य से प्राथमिक स्तर की समितियों को द्विवार्षिक आधार पर दिया जाता है. इस पुरस्कार का उद्देश्य उन समितियों को प्रोत्साहित करना और समुचित पहचान देना है, जो कृषि-समाज के विकास तथा समृद्धि के लिए काम करते हुए अपना अस्तित्व भी बनाए हुए हैं.
समितियों की गतिविधियां – हथकरघा, विपणन, उपभोक्ता वस्तुओं, मत्स्य पालन, ऋण और सेवाएं, बृहद् बहु-उद्देश्यीय सहकारी समितियां, बागवानी, कोल्ड स्टोरेज और डेयरी आदि से संबंधित हैं. उन्होंने आशा व्यक्त की है कि इस तरह के पुरस्कारों से सहकारी समितियों में आने वाले दिनों में एक नई आश का संचार होगा तथा बेहतर प्रदर्शन करने के लिए नए सिरे से जीवनी-शक्ति प्राप्त होगी.