भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (NCUI) के पास करने के लिए देश में बहुत से काम हैं. एक बड़ी चुनौती यह है कि एक प्राथमिक सहकारी समिति अपना अस्तित्व कैसे बचाए और बनाए रखे ताकि सरकार पर इसकी निर्भरता और बाद में ऋण माफी की जरूरत को कम किया जा सके.
आंध्र सरकार ने 109 करोड़ रुपए का ऋण माफ कर दिया है जिससे राज्य के 450 प्राथमिक हथकरघा सहकारी समितियों को लाभ पहुंचा है.
नए मुख्यमंत्री श्री किरन कुमार रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार ने पिछले दिसंबर में ऋण माफ करने का फैसला किया था लेकिन आर्थिक कठिनाइयों के कारण इस निर्णय को लागू करने में देर हो गई. अब पिछले रविवार को फण्ड जारी किया गया जिससे 1.5 लाख परिवारों को लाभ मिला है.
आंध्र में बुनकर खुद को बचाए रखने में सक्षम नहीं हैं और ऋण माफी के लिए वे सरकार पर निर्भर करते हैं . यह परिदृश्य हमारे सहकारी आंदोलन की अच्छी तस्वीर नहीं पेश करता.
खुद को सफल बनाने के लिए समितियों को बेहतर ढंग से संगठित होना पड़ेगा. यहां NCUI की भूमिका बहुत मायने रखती है क्योंकि यह लोगों को बेहतर ढंग से संगठित होने का प्रशिक्षण देने के लिए जिम्मेवार है.