देश की अदालतों में कई ऐसे मुकदमे लम्बित हैं जिनमें सहकारी समितियों का तर्क है कि वे सूचना का अधिकार अधिनियम के दायरे में नहीं आते.
भारतीय राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ लिमिटेड (नेफेड), कृषक भारती कोऑपरेटिव लिमिटेड (कृभको) और भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता महासंघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) सहित कई सहकारी समितियों का कहना है कि ‘सूचना का अधिकार अधिनियम’ सहकारिता के सिद्धांतों के विरुद्ध है.
कृभको, नेफेड और एनसीसीएफ के आरटीआई मामलों की सुनवाई दिल्ली उच्च न्यायालय में 17 मार्च को होनी है.
सहकारिता सूत्रों के अनुसार जमीनी स्तर पर कृषि सहकारी समितियों में सरकारी इक्विटी 4.39% है और पूरे क्षेत्र में 10% से कम है. इस तरह उन्हें आरटीआई की जिज्ञासु आँखों से मुक्त होना चाहिए.