कांग्रेस ने गत सोमवार को मध्य प्रदेश विधानसभा से बहिर्गमन किया. उनकी मांग थी कि राज्य के शीर्ष सहकारी बैंक, एपेक्स बैंक द्वारा किसान की 2.18 लाख करोड़ रुपये की भूमि के कथित बंधक रखने के एक मामले की जांच के लिए एक विधायक समिति गठित की जाय.
मुद्दा को प्रश्न काल के दौरान कांग्रेस विधायक श्री प्रभुराम चौधरी ने उठाया, जिनका दावा था कि बैंक ने 2.18 लाख करोड़ रुपये की किसानों की जमीन और अपनी 1699 करोड़ रुपए की जमीन को एक विदेशी फर्म “स्पीड स्टार एजेंसी” को बंधक पर देने की कोशिश की, लेकिन नाबार्ड की सतर्कता के कारण उसे ऐसा करने से रोक दिया गया.
राज्य के सहकारिता मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने मामले पर जवाब देते हुए कहा कि जैसे ही मामला सामने आया, उसे जांच के लिए राज्य की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) को सौंप दिया गया और उसकी रिपोर्ट की प्रतीक्षा है.
हालांकि, कांग्रेस विधायक दल (सीएलपी) के उप-नेता चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी, वरिष्ठ विधायक अजय सिंह और रामनिवास रावत सहित अन्य ने अध्यक्ष ईश्वरदास रोहानी से मांग की कि मामले की जांच के लिए एक विधायक समिति या न्यायिक पैनल का गठन हो.
अध्यक्ष ने तब सरकार से पूछा कि क्या मांग स्वीकार्य है. इस पर श्री बिसेन ने कहा कि चुंकि EOW पहले ही मामले की जांच कर रहा है, अतः ऐसी कमीटी के गठन का प्रश्न ही पैदा नहीं होता.
मंत्री के जवाब से असंतुष्ट, कांग्रेस ने बहिर्गमन किया. बाद में पत्रकारों से बात करते हुए चतुर्वेदी और सिंह ने कहा कि वे इस मुद्दे को उठाना जारी रखेंगे जब तक उनकी मांग से पूरी नहीं होती.