पांचवां राष्ट्रीय श्रम सहकारी अधिवेशन बुधवार को नई दिल्ली में NCUI सभागार में आयोजित किया गया.
भारतीय राष्ट्रीय श्रम सहकारी परिसंघ देश में श्रम सहकारी आंदोलन का एक शीर्ष संगठन है. महिलाओं और युवाओं को अपनी तकनीकी दक्षता में वृद्धि से रोजगार पैदा करने के लिए श्रम सहकारी संस्थाओं की भूमिका अधिवेशन का विषय था.
श्रम सहकारी समितियों से लगभग 400 प्रतिनिधि, सहकारिता क्षेत्र से विशिष्ट अतिथि, केंद्रीय मंत्रालयों और राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी और एनसीडीसी, नाबार्ड, NCUI, अंतर्राष्ट्रीय संगठन यानी आईएलओ तथा आईसीए के प्रतिनिधियों ने उक्त कांग्रेस में भाग लिया.
माननीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री- श्री विलास राव देशमुख जी ने कांग्रेस का उद्घाटन किया.
अधिवेशन में चौथे राष्ट्रीय श्रम सहकारी अधिवेशन की सिफारिशों के कार्यान्वयन की समीक्षा की गई और उपलब्धियों तथा श्रम सहकारिता की समस्याओं पर विस्तार में विचार किया गया.
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री विलास राव देशमुख ने कहा कि बुनियादी ढांचा विकास परियोजनाओं का क्रियान्वयन ग्रामीण क्षेत्रों में श्रम सहकारी समितियों के माध्यम से होना चाहिए ताकि और अधिक रोजगार उत्पन्न हो सके.
देशमुख ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में’ इंदिरा आवास योजना ‘और प्रधानमंत्री सड़क विकास योजना ‘की तरह विकास परियोजनाओं का आवंटन करते समय राज्य सरकार को श्रम सहकारी समितियों को प्राथमिकता देना चाहिए.
उन्होंने ग्रामीण श्रमिक सहकारी समितियों के लिए प्रत्यक्ष करों से छूट की वकालत की. उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास मंत्रालय ने नई टैक्स स्लैब में संशोधन के लिए अन्य विभागों से परामर्श किया है.
सरकार की ओर से पूर्ण समर्थन की गारंटी देते हुए श्री देशमुख ने कहा, “सहकारी संरचना में भ्रष्टाचार विद्यमान है जिसे रोकने की जरूरत है और फण्ड लीकेज भी सुधारा जाना चाहिए.”