श्री के श्रीनिवास गौड़ NCUI द्वारा रचित एक परिहार्य नाटक के बाद अंतर्राष्ट्रीय सहकारी एलायंस के बोर्ड के निदेशक के रूप में मनोनित हुए. यह पद इफको के पूर्व अध्यक्ष सुरेंद्र जाखड़ के निधन के बाद खाली हो गया था.
अवसर को देखते हुए, चन्द्र पाल सिंह के नेतृत्व में NCUI ने आईसीए को पत्र लिख कर दावा पेश किया कि इसके अध्यक्ष को उक्त पद के लिए नमित किया जाना चाहिए. इफको का तर्क था कि चुंकि यह पद पहले इफको के पास था इसलिए नवम्बर में चुनाव होने तक उसके उम्मीदवार को ही बोर्ड में मनोनित किया जाना चाहिए.
लड़ाई कुछ समय तक चली और NCUI ने सभी सहकारी संघों को पत्र लिख कर कहा है कि वे NCUI के अध्यक्ष के दावे का समर्थन करते हुए आईसीए को लिखें.
भारतीयसहकारिता.कॉम से बात करते हुए श्रीमती अनीता मनचंदा ने NCUI के दावे को उचित ठहराया. उन्होंने कहा कि पूर्व अध्यक्ष जी.एच. अमीन ने जाखड़ की उम्मीदवारी का समर्थन किया था जिससे कि इफको पिछली बार आईसीए के बोर्ड पर प्रवेश पाने में सफल रहा.
भारतीयसहकारिता.कॉम द्वारा संपर्क किए जाने पर श्री जीएन सक्सेना, निदेशक सहकारी रिलेशन, ने कहा कि हम किसी भी विवाद में शामिल नहीं हुए और आईसीए को एक पत्र लिख कर कहा था कि आईसीए के बोर्ड पर स्व. सुरेंद्र जाखड़ के स्थान पर श्री देवेगौड़ा को लिया जाय. आईसीए ने इस प्रस्ताव को स्वीकार किया और श्री देवेगौड़ा को मनोनित किया गया. नवंबर में चुनाव होने से पहले वे आईसीए के बोर्ड की दो बैठकों में भाग लेंगे.