सहकारी आंदोलन के अगुआ श्री तपेश्वर सिंह बिहार ही नही बल्कि पूरे भारत में सक्रिय थे. उनके जन्म की सालगिरह बक्सर में उत्साह के साथ मनायी गई. कई राज नेता दलगत भावना से ऊपर उठकर समारोह में शामिल हुए. भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने तपेश्वर बाबू को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि सहकारिता और कृषि में निकट संबंध है तथा दोनों एक दूसरे के पूरक हैं.
सहकारी समितियों पर आयकर लगाने की भर्त्सना करते हुए उन्होंने इसके विरुद्ध संसद भवन से राष्ट्रव्यापी विरोध के शुभारंभ की घोषणा की.
लेकिन सहकारी मंत्री रामाधार सिंह ने बिहार में सहकारी समितियों के वर्तमान नेतृत्व की बहुत आलोचना की. उन्होंने कहा कि जिन्हें तपेश्वर बाबू और उनके परिवार ने शुरुआत में समर्थन दिया और सहकारी आंदोलन आगे ले जाने की विरासत दी, वे सभी स्वार्थ में शामिल हो गए हैं. उन्होंने स्पष्ट शब्दों में बहुत जल्दी ही घातक परिणाम की चेतावनी दी क्योंकि सरकार उनपर नजर रखे हुए है.
पाठकों को पता है कि BISCOMAUN और अन्य कई ऐसी सहकारी समितियों के बोर्ड अवैध हैं जिनकी समय सीमा समाप्त हो गई है, लेकिन अभी तक, सभी लोकतांत्रिक मानदंडों को हवा में फेंकते हुए, निर्णय ले रहे हैं.
बैठक की अध्यक्षता स्व. तपेश्वर बाबू की पत्नी श्रीमती इन्दु सिंह ने की. इस अवसर पर उपस्थित अन्य प्रतिभागियों में भाजपा के वरिष्ठ नेता शहनवाज हुसैन, सी.पी. ठाकुर, पूर्व मंत्री जनार्दन सिंह सिगरीवाल, संसद सदस्य और स्व. अजित सिंह की पत्नी – मीना सिंह, इत्यादि शामिल थे.
समारोह का आयोजन पैगम्बर पैक्स ने की जिसके प्रधान तपेश्वर सिंह के छोटे बेटे रणजीत सिंह हैं. indiancooperative.com से बात करते हुए उन्होंने कहा है कि वह इस अवसर पर आये सभी प्रतिभागियों के आभारी हैं.