कृभको के उपाध्यक्ष चन्द्र पाल सिंह यादव ने बंद पड़े सिंदरी उर्वरक संयंत्र के कृभको द्वारा अधिग्रहण की मीडिया रिपोर्ट से इनकार किया है. भारतीयसहकारिता.कॉम से बात करते हुए श्री सिंह ने कहा कि चुंकि सरकार ने अभी तक गैस की आपूर्ति नहीं की है, अधिग्रहण का प्रश्न ही नहीं उठता.
श्री सिंह ने कहा कि दो साल पूर्व प्रस्ताव था जिसमें कृभको, आरसीएफ और NAF को मिलाकर “उर्वरक विदेश” नामक एक नया समूह गठित किए जाने का प्रस्ताव किया गया था. केंद्र ने गैस की निर्बाध आपूर्ति कराने का वादा किया है.
चुंकि आज तक गैस उपलब्ध नहीं कराई गई, अतः इस उद्यम के लिए आगे बढ़्ने का बोर्ड के सामने कोई प्रस्ताव नहीं है, श्री सिंह ने कहा.
सूचना है कि केन्द्र सरकार का उर्वरक विभाग ने सिंदरी समेत बंद पड़े अन्य उर्वरक इकाइयों के पुनरुद्धार के लिए एक व्यावहारिक प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए एक और महीने का समय मांगा है.
गत वर्ष केन्द्र सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि केन्द्र सरकार बंद उर्वरक कारखानों के पुनरुद्धार के लिए सक्रियता से विचार कर रही थी. इसके बाद दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले वर्ष 30 अगस्त को मामले को बीआईएफआर के पास वापस प्रेषित कर दिया था.
12 नवंबर को, सरकार ने बीआईएफआर को सूचित किया सरकार ने नामांकन के आधार पर सिंदरी रामागुंडम, और तालचेर की इकाइयों के पुनरुद्धार का निर्णय कर लिया है. शेष बची बरौनी, दुर्गापुर, हल्दिया, गोरखपुर और कोरबा में स्थित इकाइयों का पुनरुद्धार खुली बोली की प्रक्रिया के माध्यम से किया जाएगा.