गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने चेतावनी दी है कि अगर सहकारिता माफिया अपने तरीके नहीं बदलते तो उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा. वह मुंबई स्थित कपोल सहकारी बैंक की सूरत शाखा के उद्घाटन के अवसर पर बोल रहे थे.
उन्होंने कहा कि आम तौर पर बैंक के प्रमोटर ही धोखाधड़ी में लिप्त होते हैं. इसमें आम नागरिक की गलती नहीं है. ये प्रमोटर लोगों को धोखा देते हैं. मोदी ने आगे कहा कि राज्य सरकार ऐसे लोगों को पकड़ने के लिए सतर्क है लेकिन उनमें से कुछ हमारी पकड़ से अब भी बाहर हैं.
उन्होंने कुछ उन निर्देशकों की प्रशंसा की जो नकदी संकट से बैंक को उबारने के लिए खुद के पैसे लगाते हैं. उनका मन उन कर्मचारियों की प्रशंसा से भरा था जो संकट ग्रस्त शहरी सहकारी बैंक को बचाने के लिए आधा वेतन पर काम करते हैं.
श्री मोदी ने कहा कि सहकारिता की अवधारणा 150 साल पुरानी है. इसने आम आदमी की मदद की है और समय की कसौटी पर खरी उतरी है. कुछ बेईमान तत्व प्रणाली को नहीं समाप्त कर सकते.
पाठकों को पता होगा कि सहकारी बैंकिंग उद्योग में 16,000 करोड़ रुपये की जमा-पूंजी है और गुजरात राज्य में अग्रिम में 11,000 करोड़ रुपए हैं.
राज्य में लगभग 389 सहकारी बैंक हैं जिनकी 1,000 से अधिक शाखाएं कार्य कर रही हैं.
श्री मोदी ने यह भी कहा कि राज्य सरकार द्वारा सभी सहकारी बैंकों को निदेश जारी कर दिया गया है कि वे अपने लाभ का 15 प्रतिशत आरक्षित निधि के रूप में रखें जिससे किसी आकस्मिक स्थिति का सामना किया जा सके.