बिहार विधानसभा में हुए हंगामे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए बिस्कोमान के अध्यक्ष श्री सुनील सिंह ने कहा कि उच्च न्यायालय ने पहले ही मामले को खारिज कर दिया और बिस्कोमान को क्लीन चिट दे दिया है. हमें यकीन है कि सतर्कता समिति जल्द ही इसका पता लगा लेगी. श्री सिंह ने सहकारी मंत्री रामाधार सिंह पर मामले से पूरी तरह से अनभिग्य होने का आरोप लगाया.
श्री सुनील सिंह ने क्रोध में कहा कि अगर मंत्री रामाधार सिंह BISCOMAUN का पूरा नाम बता दें तो वे अध्यक्षता से इस्तीफा दे देंगे.
भारतीयसहकारिता.कॉम से बात करते हुए श्री सुनील सिंह ने कहा कि वे उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी का आभारी हैं जिन्होंने हाउस जांच के स्थान पर सतर्कता जांच का समर्थन किया. उन्होंने आगे कहा कि विधायक Biscomaun से पैसा बनाने में रुचि रखते हैं.
स्व. तपेश्वर सिंह के वंशजों के प्रति कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा,-“मैं एक होटल व्यवसायी नहीं कर रहा हूँ. मेरे पास पटना में एक कठा भी जमीन नहीं है. जब मैं भार संभाला, बिस्कोमान की आय मात्र 4 लाख रुपये थी लेकिन कहीं से भी बिना ऋण लिये, मैंने इसके आय को एक करोड़ रुपये प्रति माह तक पंहुचा दिया.”
बिस्कोमान के अध्यक्ष सुनील सिंह का तपेश्वर सिंह के खिलाफ गुस्सा का कारण यह है कि बक्सर से PAC के सदस्य और तपेश्वर बाबू के पुत्र रणजीत सिंह और अन्य लोग Biscomaun बोर्ड के खिलाफ अभियान चला रहे हैं. BISCOMAUN बोर्ड के सदस्य श्री विनय साही ने अध्यक्ष श्री सुनील सिंह पर गंभीर वित्तीय दुराचरण के आरोप लगाया गया है. उन्होंने श्री सुनील सिंह की अध्यक्षता वाले अनधिकृत बोर्ड द्वारा किये गए कई कामों के बारे में सीबीआई जांच की मांग की है.