उत्तर क्षेत्र सहकारी सम्मेलन मंगलवार को नई दिल्ली में NCUI के सभागार में शानदार ढंग से संपन्न हुआ. इसमें NCUI के अध्यक्ष चन्द्र पाल सिंह यादव, नेफेड के अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह और कृषि मंत्रालय के अपर सचिव जी.सी. पति उपस्थित थे. सम्मेलन में छह उत्तरी राज्यों – हरियाणा, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर – से सैकड़ों प्रतिनिधि भी शामिल हुए.
कार्यक्रम का उद्घाटन भारत सरकार के कृषि राज्य मंत्री श्री अरूण यादव ने किया. सभागार दर्शकों और प्रतिनिधियों से खचाखच भरा हुआ था. पूरा कार्यक्रम तीन चरणों – उद्घाटन, तकनीकी और समापन – में बंटा था.
इस अवसर पर बोलते हुए कृषि राज्य मंत्री श्री अरूण यादव ने कहा कि उनका परिवार सहकारी आंदोलन के साथ तीन दशकों से जुड़ा रहा है. अतः वह इस क्षेत्र की समस्याओं को जानते हैं. उपस्थित जनसमूह को आश्वस्त करते हुए उन्होंने कहा कि वह प्रत्यक्ष कर संहिता (DTC) के मुद्दे पर केंद्रीय वित्त मंत्री से मिलने जाएंगे. यह संहिता अगले साल से प्रभावी होने वाली है.
“यदि जरूरत पड़ी तो मैं इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री से भी मिलूंगा”, श्री यादव ने कहा.
NCUI के अध्यक्ष श्री चन्द्र पाल सिंह यादव ने सहकारी समितियों की समस्याओं का उल्लेख किया और विशेष रूप से “बहु राज्य सोसायटी अधिनियम” के संशोधन की आलोचन की जो, उसके अनुसार, एक प्रतिगामी कदम है.
नैफेड के अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह ने प्रतिनिधियों को सांत्वना दी और कहा कि एकजुट होकर संघर्ष किया जाएगा और “प्रत्यक्ष कर संहिता” तथा “बहु राज्य सहकारी अधिनियम में संशोधन” के मुद्दे पर श्रीमती सोनिया गांधी और प्रधानमंत्री से मिला जाएगा.
तकनीकी सत्र में प्रतिनिधियों की समस्यायों पर प्रकाश डाला गया और कृषि सचिव के ध्यानाकर्षण के लिए सिफारिशों की एक सूची तैयार की गयी. संयोग वश कृषि सचिव सम्मेलन में नहीं आ सके.
अपने समापन भाषण में अपर सचिव श्री जी.सी. पति ने कहा कि भारत का सहकारिता आंदोलन विश्व में सबसे बड़ा है. सरकार हमेशा सहकारी समितियों को सशक्त बनाने की इच्छुक रही है जिससे कि वे बदलते आर्थिक परिदृश्य के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकें. वह अधिक से अधिक सब्सीडी के बजाय सहायक फ्रेमवर्क को महत्व देने की बात कर रहे थे.
बिजेन्द्र सिंह ने धन्यवाद का प्रस्ताव रखा.
बहुत अच्छा