फिशरमेन्स सहकारी समितियों ने राज्य सरकार से मत्स्य पालन क्षेत्र के लिए प्रति वर्ष बजटीय आवंटन 56 करोड़ रु के वर्तमान स्तर से बढ़ाकर 300 करोड़ रुपये करने के लिए कहा है.
आन्ध्र प्रदेश मछुआरा सहकारी समिति महासंघ के अनुसार, इस प्रस्ताव के मान लेने के बाद आन्ध्र प्रदेश भी महाराष्ट्र, केरल, गुजरात और तमिलनाडु की बराबरी में आ जाएगा.
मछुआरों के निकाय 10 लाख रुपये प्रति इकाई की लागत से राज्य के सभी 23 जिलों में 100 नए ‘स्वच्छ’ मछली बाजार स्थापित करने की योजना बना रही है. इसने सभी जिलों में रायतू बाजारों के पास भूमि आवंटित करने के लिए सरकार से कहा है. इसके अतिरिक्त, राज्य की राजधानी के लिए लगभग 50 मछली के आउटलेट बनाने की भी योजना बनाई जा रही है. इसमें प्रति यूनिट 70,000 रुपये के आसपास का खर्च आएगा.