बिहार के पूर्व सहकारिता मंत्री को पिछले गुरुवार को पटना में जेल भेज दिया गया. अयोध्या विध्वंस के बाद में सांप्रदायिक मुद्दे पर उसके द्वारा दिए बयान पर कुछ हफ्तों से सरगर्मी अधिक बढ़ गई थी.
मंत्री को जेल भेजा गया. इस क्रम में उनके वकीलों और विरोधियों के बीच झड़प भी हुई. भारतीयसहकारिता.कॉम से बात करते हुए बिस्कोमान के चेयरमैन सुनील सिंह ने कहा है कि ‘गलती करने वाला अंततः जेल में है’. उन्होंने कहा कि उनके वकीलों हिंसक हो गए और इस प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश की लेकिन अदालत ने अंततः उन्हें जेल भेज दिया.
चार बार भाजपा विधायक रहने के नाते उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने पहले उनका समर्थन किया और उनके अनुयायियों को अश्वासन दिया कि अदालती मामले निपटने के बाद रामाधार सिंह वापस मंत्रिमंडल में शामिल होंगे.
उनको हटाने की लड़ाई कानूनी और राजनीतिक दोनों है. उन्होंने मौजूदा सहकारी नेताओं, जिनमें से ज्यादातर राजद के प्रति निष्ठावान हैं, पर शिकंजा कस दिया था. उनके एक समर्थक के अनुसार, उनके विरोधियों ने कड़ मेहनत करके उनके खिलाफ भुला दिए गए मामले को खोज निकाला. लेकिन वह भी कानून की अदालत में टिक नही पाएगा.
भारतीयसहकारिता.कॉम से बात करते हुए सुनील सिंह व्यंग्य में कहा कि हम इस्तीफा देने और रामाधार सिंह के लिए मार्ग प्रशस्त कर देंगे अगर वह खुद को सक्षम साबित कर दें.
पाठकों को पता होगा कि जेल में बंद मंत्री ने बिस्कोमान के मामलों में सतर्कता जांच का आदेश दे दिया था.