“प्रिय अजय, indiancooperative.com पर हाल ही में इस अनुच्छेद में आप लिखते हो: ‘ “ कृभको-Yara संयुक्त उद्यम” में एक भारतीय परामर्शदाता को एक मिलियन अमरीकी डालर के भुगतान के रहस्योद्घाटन की कहानी भी भिन्न नहीं है. इसे भी नार्वे के अधिकारियों ने उस समय उजागर किया जब वे यारा इन्टरनेशनल पर किसी और मामले में, जिसमें कृभको शामिल नहीं था, छापा मार रहे थे’.
यह बात सही नहीं है. एक आंतरिक whistleblower नें Yara प्रबंधन को इस मामले की सूचना दी. नतीजतन, Yara मुख्य अनुपालन अधिकारी ने नॉर्वे के जांच और अभियोजन के राष्ट्रीय प्राधिकरण को सूचित किया. हमारी चेतावनी के बाद Yara कार्यालय को सबूत के लिए खोजा गया था. अतः Yara के कार्यालय की छान-बीन सीधे कृभको से जुड़ी है… . मैं आप से “indiancooperative.com” (भारतीयसहकारिता.कॉम) पर कहानी को उसे हिसाब से सही करने का निवेदन करता हुं. यह कहना गलत है कि वहाँ मारा गया छापा किसी और बहाने से था. बहाना कृभको मामले के बारे में जानकारी प्राप्त करना था और यह जानकारी Yara से Økokrim को मिली. मैं आपकी सराहना करूंगा अगर आप तथ्यों की पड़ताल करें और जल्द से जल्द अपनी सुविधानुसार लेख अद्यतन करें. यदि आपके पास वे सूत्र हैं जो दावा करते है कि वहाँ किसी भी अन्य बहाने पर छापा मारा गया है, तो मैं इस स्रोत से मिलना चाहूंगा जिससे कि इस मुद्दे को स्पष्ट कर सकूं.
सादर, बर्नहार्ड स्टोर्मिर, सूचना प्रबंधक/Informasjonssjef, Yara इंटरनेशनल एएसए.”
भारतीयसहकारिता.कॉम वास्तव में सही कहानी को प्रस्तुत करने का प्रयास करेगी. संपादकीय बोर्ड माफी चाहता है यदि वास्तव में तथ्यों में कोई चूक हुई है तो – संपादक.