दो सहयोगी दलों राकांपा और कांग्रेस को फिर से एक जुट करने की राजनीतिक परिपक्वता अंततः शुरु हो गई है.
राकांपा प्रमुख शरद पवार ने नई दिल्ली में कहा कि महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक (MSCB) का मुद्दा उनकी पार्टी और राज्य में कांग्रेस के बीच के संबंधों पर कोई असर नहीं डालेगा. केंद्रीय कृषि मंत्री ने यह भी संकेत दिया कि उनकी पार्टी और कांग्रेस स्थानीय निकाय के 2011 के अंत में होने वाले चुनाव अलग-अलग लड़ेंगे.
भारतीय रिजर्व बैंक से राज्य सरकार ने अनुरोध किया गया है कि बैंक को अपना कारोबार करने की अनुमति देने पर विचार किया जाय क्योंकि पिछले वित्तीय वर्ष में इसमें रुपए 238.14 करोड़ की राशि की सकारात्मक वृद्धि हुई है.
एक संघर्ष विराम इस तथ्य के मद्देनजर अवश्यंभावी है कि शिवसेना, भाजपा और अब अठावले ने कांग्रेस-राकांपा गठबंधन के विरुद्ध हाथ मिला लिए हैं. कुछ दिनों से कांग्रेस और राकंपा के नेताओं तेवर अधिक नरम हो गए हैं.
इस बीच, खबर है कि नाबार्ड MSCB को फिर से वित्त प्रदान कर सकता है. राज्य सरकार ने इस उद्देश्य के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के साथ एक मजबूत दावा पेश किया है.