बिहार के पूर्व सहकारिता मंत्री रामाधार सिंह, जो पहले से कैद में बंद हैं, को जमानत देने से इनकार कर दिया गया है.
उन्हें 1995 में फरार घोषित किया गया था जिसके चलते उन्हें कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा.
बाद में उन्होंने औरंगाबाद अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया जहां से उन्हें जेल भेज दिया गया. बिगड़ती सेहत के कारण उन्होंने अस्पताल में भर्ती होने की अनुमति मांगे. लेकिन अदालत चिकित्सा अधीक्षक से उनके स्वास्थ्य की स्थिति पर रिपोर्ट मांग ली.
उनकी जमानत अदालत ने इस आधार पर नकार दी कि वह कई वर्षों से फरार रहे हैं. उनके विरोधियों ने पिछले मामलों का हवाला देते हुए तर्क दिया कि एक फरार को जमानत नहीं दी जाती है.