MSCB का नुकसान – राष्ट्रीयकृत बैंक का लाभ है. फॉर्म क्रेडिट ऋण का वही हाल है कि उनका वितरण उन्हीं के माध्यम से हो रहा है, सहकारी बैंकों के माध्यम से नहीं.
महाराष्ट्र राज्य सहकारी मंत्री ने कहा है कि 23,000 करोड़ रुपये की क्रेडिट ऋण प्राथमिक कृषि सोसायटी के माध्यम से दिया जाएगा जिसमें कोई संदेह नहीं है. लेकिन PACs को राष्ट्रीयकृत बैंकों से पैसा मिलेगा, MSCB या DCCB से नहीं. कई जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों को भी वित्तीय कुप्रबंधन का सामना करना पड़ रहा है.