NCUI में व्याख्याता नियुक्ति में आरोपों की जांच के लिए कृषि मंत्रालय द्वारा स्थापित जांच समिति ने मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी है.
श्री अनिलदो मजूमदार, संयुक्त सचिव (बीज), जांच अधिकारी थे. वह पूर्व में NCUI में कागजात के सत्यापन के लिए आए थे.
प्रस्तुत रिपोर्ट का ब्यौरा अभी तक जानना बाकी है लेकिन अपुष्ट सूत्रों के अनुसार, इस घोटाले के पीछे जिसका हाथ है, वह अधिकारियों की पकड़ से बच गया. उसे मात्र पुणे जैसे अलग स्थान पर स्थानांतरण की सजा मिली.
पाठकों को पता है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कृषि मंत्रालय से स्पष्टीकरण मांगा था जिसके अंतर्गत NCUI कार्य करता है. मामला NCCT द्वारा 40 व्याख्याताओं की नियुक्ति से संबंधित है.
यह आरोप लगाया गया था कि संपूर्ण चयन प्रक्रिया एक मजाक थी क्योंकि NCCT ने चयनित उम्मीदवारों की सूची प्रकाशित या घोषित नहीं किया था लेकिन उम्मीदवारों को आदेश सीधे भेजे गए थे.
यह भी आरोप लगाया है कि उम्मीदवारों का चयन पहले ही कर लिया गया था और साक्षात्कार आयोजित करने का एक नाटक NCCT के महानिदेशक और सचिव द्वारा किया गया.
NCUI के नेताओं को जानना चाहिए कि दोषी छोड़ दिये जाने से एक गलत उदाहरण स्थापित होगा.