केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने उर्वरक कंपनियों के लिए गुरुवार को di-अमोनियम फॉस्फेट का अधिकतम खुदरा मूल्य तय करने के लिए स्वतंत्रता देने पर निर्णय टाल दिया है.
अप्रैल में सरकार ने डीएपी की एमआरपी की कीमत अधिकतम 600 रु. प्रति टन से अधिक बढ़ाने पर कंपनियों को प्रतिबंधित किया था. डीएपी का वर्तमान मूल्य 10,750 रुपये प्रति टन है.
हालांकि, पूरे विश्व में बढ़ती कीमतों की वजह से कंपनियों ने डीएपी का आयात नहीं किया था. डर था कि घाटा होगा क्योंकि सरकार द्वारा निर्धारित सीमा से अधिक एमआरपी बढ़ाने की अनुमति नहीं थी. अब, देश को डीएपी की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है.
नतीजतन, पूरे विश्व मे कीमतों के बढ़ने और देश में कमी के कारण उर्वरक मंत्रालय को डीएपी पर प्रतिबंध को हटाने का प्रस्ताव दिया था.