ग्रामीण दूध उत्पादकों ने सहकारी समितियों के माध्यम से आठ महीने की एक छोटी सी अवधि में मध्य प्रदेश के सागर, पन्ना, छतरपुर, दमोह, टीकमगढ़ और दतिया जिलों में दो करोड़ रुपए मुल्य का दूध बेचा है.
गुरुवार को एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा गया कि यह सब बुंदेलखंड डेयरी विकास परियोजना के तहत किया गया. यह परियोजना भोपाल, ग्वालियर और जबलपुर सहकारी दूग्ध फेडरेशन के माध्यम से चलती है जो राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन के साथ संबद्ध है.
यह परियोजना नवम्बर 2010 में शुरू की गई थी. इसका मुख्य उद्देश्य बुंदेलखंड क्षेत्र में आनंद प्रणाली की तरह डेयरी कार्यक्रम लागू करना है. इस परियोजना के तहत दूध संग्रह 154 दुग्ध सहकारी समितियों द्वारा शुरू किया गया था.
इस परियोजना में गहरी रुचि दिखाते हुए ग्रामीण दूध उत्पादकों ने छोटी सी अवधिमें दुग्ध सहकारी समितियों के माध्यम से दो करोड़ रुपये मूल्य का दूध बेचा.
मध्य प्रदेश राज्य सहकारी डेयरी फेडरेशन के अध्यक्ष सुभाष मण्डगे और प्रबंध निदेशक सुधा चौधरी ने लोगों से अपील की है कि वे दूध सहकारी समितियों के अध्यक्षों, और टीकमगढ़, छतरपुर और पन्ना जिलों के सचिवों के साथ सीधे संवाद करें और योजना का लाभ उठाएं.