मुख्यमंत्री जे जयललिता ने पिछले शनिवार को कहा कि तमिलनाडु के उन क्षेत्रों में दूध सहकारी समितियों की स्थापना की जायेगी जहाँ पहले से कोई नहीं हैं और गरीब लोगों को दुधारू गायें, बकरियां 15 सितम्बर से मुफ्त दी जाएंगी. सरकार का यह प्रयास गरीब वर्ग के लोगों के जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए है. यह सब विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए वादे के मद्देनजर किया जा रहा है. पहले चरण में 1600 परिवारों के बीच 60,000 दुधारू गायों का वितरण किया जाएगा, चेन्नई में एक सरकारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया. लाभार्थियों में 30 फीसदी आदि-द्रविड़र समुदाय के लोग होंगे. सरकार गायों बीमा और उन्हें पड़ोसी राज्यों से परिवहन में भी वित्तीय सहायता प्रदान करेगी. दुधारू गायों का आसानी से पता लगाने के लिए एक विशेष पहचान चिह्न भी दिया जाएगा.
इसी तरह, गरीबी रेखा के नीचे के सोलह सौ परिवारों के बीच चार से छह महीने के बीच की आयु की बकरियों का वितरण भी 15 सितंबर से मुफ्त किया जाना है.
इस योजना के अनुसार अगले पांच वर्षों में लगभग सात लाख परिवारों को लाभ मिलेगा . जिन परिवारों को पहले से ही दुधारू गायें मिली हैं, वे इस योजना के लिए पात्र नहीं होंगे. इन दुधारू पशुओं के चारे की व्यवस्था के लिए भी आवश्यक आदेश जारी कर दिए गए हैं.