बिहार में 8600 डेयरी सहकारी समितियों के साथ जुड़े 4.50 लाख ग्रामीण परिवार न केवल अपनी आय में वृद्धि कर रहे हैं, बल्कि ये दूसरे आनंद के रूप में अपने राज्य के लिए नाम भी कमा रहे हैं. सन् 1983 में स्थापित COMFED अपने को सरकारी निकाय के रूप में नहीं मानता और न ही वह खुद को एनजीओ के रूप में मानता है. इसे खुद को किसानों की किसानों द्वारा और किसानों के लिए एक संस्था होने पर गर्व है.
1999-2000 में 281.81 हजार लीटर दूध प्रति दिन से शुरुआत करने के बाद राज्य अब 2011-12 में किसानों से प्रति दिन लगभग 14 लाख लीटर दूध प्राप्त करता है जो अभूतपूर्व है.
COMFED अपने-आप को आनन्द के समान बनाना चाहता है, जिसकी सभी तीन स्तरीय संरचनाएं एक दूसरे के साथ उचित समन्वय में काम करती है. प्राथमिक स्तर जो वास्तव में ग्राम स्तर है में प्राथमिक दूग्ध सहकारिता (पीडीसी) मौजूद हैं.
गांव स्तर पर, डेयरी सहकारी समितियों में एक अध्यक्ष और 13 सदस्य होते हैं. प्राथमिक डेयरी सहकारिता के अध्यक्ष जिला दुग्ध संघ बोर्ड का चुनाव करते है. ये जिला दुग्ध संघ बोर्ड ग्रामीण डेयरी सहकारी समितियों की जरूरतों का ख्याल रखते हैं और उनके साथ अगुआ के रूप में कार्य संचालित करते हैं.