बिहार राज्य के कुल 22 सहकारी बैंकों में से सिर्फ दो ही कार्य कर रहे हैं. रिजर्व बैंक ने केवल इन्हीं बैंको को बैंकिंग करोबार करने का लाइसेंस दिया हैं. इस बात को गंभीरता से लेते हुए, उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने मृत बैंकों के अध्यक्षों और साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक के अधिकारियों की एक बैठक बुलाई जिससे कि एक समाधान निकाला जा सके.
12 अन्य सहकारी बैंकों के बैंकिंग गतिविधियों शुरू करने की मांग के आवेदन आरबीआई के पास समीक्षा के लिए लंबित हैं. यदि ये 12 सहकारी बैंकों अपेक्षित मानदंडों को पूरा करते हैं, तो उन्हें लाइसेंस जारी होगा.
20 में से शेष सात सहकारी बैंकों का प्रदर्शन असंतोषजनक था और इसलिए उन्हें लाइसेंस नहीं जारी हो सकता है. आरबीआई के प्रतिनिधि के अनुसार, सिवान में संचालित सहकारी बैंक का लाइसेंस जारी होने की प्रक्रिया में था. मोदी पर्याप्त संख्या में किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड (KCCs) प्रदान करने में सहकारी बैंकों की विफलता के लिए दुख व्यक्त किया.