शरद पवार के भतीजे और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार के लिए मुसीबतों का कोई अंत नहीं है. महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक की असफलता का जख्म शायद ही अभी तक भरा है कि एक अन्य घटना में उनका एक तथाकथित सहयोगी एक सहकारी समिति को 43 करोड़ रुपये का धोखा देने के मामले में फंस गया है.
सोमेश्वर सहकारी चीनी मिल के पूर्व अध्यक्ष शाहजी ककादे को संदिग्धों में से एक के रूप में नामित किया गया है, जिन पर एक सहकारी समिति के माध्यम से 43 करोड़ रुपये की हेरा-फेरी का आरोप है. कहा जाता है कि उन्होंने 43 करोड़ रुपये की ठगी करने के लिए फर्जी दस्तावेज और प्रतिभूतियां उपलब्ध कराई है.
सरकारी लेखापरीक्षक भगवान भोतारे ने संदिग्धों के खिलाफ वडगांव पुलिस थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज कराई. अब तक कोई गिरफ्तारी नही हुई है. उनके ऊपर धोखा, विश्वासघात, दुर्विनियोजन और फोर्जरी के आरोप लगे हैं. जांच चल रही है और गिरफ्तारी की संभावना जल्द ही कर रहे हैं.