मंत्रालय और राष्ट्रीय सहकारी संघ के बीच तनाव का असर असहाय कर्मचारियों और NCUI के क्षेत्र परियोजनाओं पर पड़्ना शुरू हो गया है. कृषि मंत्रालय ने NCUI को जून २०११ के बाद से आर्थिक सहायता देना बंद कर दिया है जिससे NCUI के कर्मचारियों के बीच कठिनाई और हृदयदाह पैदा हो गया.
मुद्दा NCCT में व्याख्याता घोटाले का है. सूत्रों के मुताबिक, मंत्रालय ने परमज्योति को पद से हटाने पर जोर दिया है जिससे NCUI सहमत नहीं है. Indiancooperative.com से बात करते हुए NCUI के अध्यक्ष चन्द्र पाल सिंह ने कहा कि परमज्योति को हटाया जा सकता है, लेकिन इस मुद्दे पर नहीं. उनके भाग्य का फैसला सामान्य क्रम में बोर्ड द्वारा तय किया जाएगा जब वह अपना कार्यकाल पूरा कर लें.
पाठकों को याद होगा, प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने कृषि मंत्रालय, जिसके तहत NCUI कार्य करता है, से स्पष्टीकरण पूछा है. मामला देश के विभिन्न भागों में स्थित उनके प्रशिक्षण इकाइयों के लिए NCCT द्वारा 40 व्याख्याताओं की नियुक्ति से संबंधित है. अनुचित तरीकों और भर्ती प्रक्रिया में पैसे के लेन-देन के आरोप हैं. श्री परमज्योति तूफान के केंद्र में हैं.