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लेक्चरर नियुक्ति रद्द की जाय : सहकारी सचिव

मंत्रालय ने व्याख्याता की नियुक्ति को रद्द करने और तीन कथित अपराधियों – परमज्योति, NCCT के  तत्कालीन महासचिव,  तत्कालीन महानिदेशक  अनीता मनचंदा और  आर.के. सिंह पर दंडात्मक  कार्रवाई करने के लिय भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ पर अपना सिकंजा कस दिया है.

NCUI ने पूर्व में अनीता मनचंदा को एक पत्र लिखकर उनसे उनके आचरण के बारे में विवरण मांगा था.

उच्च स्रोतों के अनुसार, कृषि मंत्रालय के सचिव ने अध्यक्ष चंद्र पाल सिंह यादव से कहा कि कार्रवाई करें अन्यथा मामला सीबीआई को भेजना होगा.  श्री चन्द्र पाल से बात करने का प्रयास विफल रहा क्योंकि वह दिल्ली से बाहर थे.

NCUI चारो तरफ से घिर गई है क्योंकि उसके कर्मचारियों और परियोजनाओं को फंड की कमी का सामना करना पड़ रहा है. सरकार ने अध्यक्ष की शक्ति की कटौती सहित कई मुद्दों पर अपना अनुदान बंद कर दिया है.  शासी परिषद ने अपनी पिछली बैठक में सरकार के प्रस्ताव को अस्वीकार करने का निर्णय लिया जिससे सरकार के साथ लड़ाई तेज हो सके.

लेकिन लेक्चरर की नियुक्ति का मुद्दा कुछ ऐसा है जिस पर मंत्रालय नरम पड़ता प्रतीत नहीं होता है.  NCUI के समक्ष स्थिति उतनी ही कठिन है क्योंकि नियुक्त व्याख्याताओं ने पहले से ही अपने पद भार ग्रहण कर लिए हैं.  यदि NCUI नियुक्तियों को रद्द करती है तो प्रभावित दल अदालत का दरवाजा खड़्काएंगे और इस तरह मुकदमों का एक अंतहीन दौर चल पड़ेगा.

Indiancooperative.com को मालूम हुआ है कि NCUI भी भविष्य में नियुक्ति की प्रक्रिया को पुन: बनाने पर काम कर रहा है.  नव नियुक्त मुख्य कार्यकारी दिनेश डे ने एक ब्लू प्रिंट तैयार कर लिए हैं जिससे भविष्य की नियुक्तियों में कदाचार पर  रोक लग सके.

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