विधि एवं विधेयक

उड़ीसा कैबिनेट ने सहकारी अधिनियम में संशोधन किया

मंगलवार को राज्य सरकार ने पुनर्गठन करने का फैसला किया. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया.

सहकारी सोसायटी अधिनियम को भी संशोधित किया जाएगा. सहकारी समितियों में डीम्ड सदस्य की अवधारणा को दूर किया जाएगा और चुनावी निकाय की पद्धति लागू की जाएगी.

इसके अलावा, सहकारी समितियों में अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और सामाजिक और आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों (SEBCs) का आरक्षण निश्चित न होकर उनकी जनसंख्या के अनुपात में होगा.

समितियों का कार्यकाल वर्तमान में चार साल के बजाय पाँच साल हो जाएगा.

 

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