भारत के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स संस्थान ने इस बात की जरूरत पर बल दिया है कि सहकारी समितियों की स्वतंत्र ऑडिटिंग हो. उनका कहना है कि इससे वित्तीय वक्तव्यों की विसंगतियों में कमी आएगी.
आईसीएआई के अध्यक्ष जी रामास्वामी ने कहा कि सहकारी न्यास का राजस्व कई गुना बढ़ गया था. “यदि सरकार पारदर्शिता चाहती है तो उसे महाराष्ट्र और गुजरात की तरह निजी लेखा-परीक्षा को चुनना चाहिए, जहां यह सहकारी समितियों में किया जा रहा है,” उन्होंने कहा.
उन्होंने कहा कि आईसीएआई ने इन दोनों राज्यों में प्रचलन पर केंद्र और अन्य राज्य सरकारों को लिखा था.