भारतीय रिजर्व बैंक ने नई शहरी सहकारी बैंक को लाइसेंस के लिए मानदंड जारी कर दिया है जिसके दूरगामी परिणाम परिणाम होंगे. नए मानदंडों से शहरी सहकारी बैंकों के कारपोरेटाइज होने में मदद मिलेगी, जो हरदम विवाद में उलझे रहते है.
नए मानदंडों से पूरे सिस्टम की ओवरहालिंग हो जाएगी जब बैंक के निर्देशक और अध्यक्ष यूसीबी के काम में दिन-प्रति-दिन हस्तक्षेप नहीं कर पाएंगे. नए मानदंड विश्वसनीय क्रेडिट समिति को शहरी सहकारी बैंकों में बदलने के लिए जोरदार प्रयास करते हैं.