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मनसे का सहकारिता राजनीति में प्रवेश?

क्या मनसे महाराष्ट्र की सहकारी राजनीति में प्रवेश की योजना बना रहा है जिससे इस क्षेत्र पर राकांपा की पकड़ कमजोर हो सके? राजनीतिक पंडित इस प्रश्न का जवाब खोजने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि   एन.सी.पी. के दिग्गज शिवाजीराव नलावडे़ के राकांपा छोड़ कर राज ठाकरे के नेतृत्व वाली मनसे में शामिल होने की खबर है.

“भैया लोगों (पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार से लोगों) से नफरत” का मुद्दा मनसे को कहीं का नहीं छोड़ेगा और मनसे अपने अभियान के प्रचार के लिए मुद्दे की खोज में है. जल्दी से जल्द इसे एहसास हुआ है कि असली राजनीतिक शक्ति सहकारी बोर्ड की सीट पकड़ने से उत्पन्न होती है, एक विशेषज्ञ ने कहा.

श्री नलावडे एक बड़ी मछली हैं जिसे मनसे ने फांस लिया है. वह छगन भुजबल के करीबी थे और शरद पवार के भतीजे अजीत पवार से उनकी बनती नहीं थी. अजीत महाराष्ट्र में पार्टी के मामलों की देख-रेख के मुख्य आदमी हैं.

लेकिन नलावडे़ भी एक महत्वपूर्ण सहकारी नेता हैं और वह मुंबई जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक और महाराष्ट्र राज्य सहकारी समितियों सहित कई शीर्ष निकाय के बोर्ड पर हैं.

राज ठाकरे नलावडे़ साथ बड़े सहकारी खेल की योजना बनाने में व्यस्त होंगे. वरिष्ठ पवार इसे ध्यान में रखें और छोटे पवार को मशविरा दें.

 

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