शहरी सहकारी बैंकों को लाइसेंस देने के मामले में क्या हो रहा है, यह जानने की कोशिश बहुत लोग कर रहे हैं. हमने मूल श्रोत से सच्चाई का पता लगाना का फैसला किया है.
मालेगाम समिति के सदस्य श्री मुकुंद अभयंकर, जिन्हें मुद्दों के विश्लेषण और लाइसेंस के अनुदान के लिए सिफारिशें करने का काम सौंपा गया था, ने साक्षात्कार के लिए सहमति दे दी.
श्री अभयंकर पुणे के एक प्रसिद्ध सहकारी नेता हैं जिन्होंने अपनी उपस्थिति देश की सहकारी दुनिया में महसूस कराई है. अतीत में वह कॉसमस बैंक के कई बार अध्यक्ष रहे हैं और अभी भी उसके निर्देशकों में से एक हैं. कॉसमस बैंक शहरी सहकारी बैंकों की रैंकिंग में सारस्वत बैंक के बाद नंबर दो है.