भारत की अग्रणी सहकारी बैंक सारस्वत बैंक के अध्यक्ष श्री एकनाथ ठाकुर के अनुसार वे अंतर्राष्ट्रीय लेखा मानकों को अपनाने के लिए तैयार है।
श्री ठाकुर ने भारतीय सहकारिता डॉट कॉम से बात करते हुए कहा कि IFRS कोई समस्या नहीं है और वास्तव में हम इस पर विभिन्न चरणों में काम कर रहे हैं।
आईसीएआई, भारत के चार्टर्ड खाता संस्थान पहले ही इस पर काम कर रहा है, इस अवधारणा को चरणों में विकसित किया जाएगा।
पाठकों को याद होगा कि भारतीय रिजर्व बैंक ने शहरी सहकारी बैंकों से कहा है कि वे 2014 तक नए अंतर्राष्ट्रीय लेखांकन मानदंडों को अपनाने की कोशिश करें।
भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि सभी बैंकों और एनबीएफसी को अपने कौशल और ज्ञान को बराबर विकसित करते रहना चाहिए ताकि वे अंतर्राष्ट्रीय स्तर की चुनौतियों का सामना करने में सफल हो सकते हैं।
यहां तक कि छोटे शहरी सहकारी बैंकों और वित्तीय कंपनियों से भी अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय मानकों को अपनाने की अपेक्षा की जाती है।
कई अन्य सहकारी बैंक अभी तक इसके बारे मे अंजान लगते हैं। भारतीय सहकारिता डॉट कॉम से बातचीत में कुछ ने कहा कि वे अभी भी इसका अध्ययन कर रहे हैं।
अभिउदय बैंक के अध्यक्ष श्री सीताराम घडंत ने कहा कि बैंक अधिकारियों की एक टीम एक निष्कर्ष पर पहुंचने के मामले को अध्ययन कर रहे हैं।
अन्य छोटे बैंकों को भारतीय रिजर्व बैंक परिपत्र के बारे में अज्ञानता का प्रदर्शन किया।