भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ के अध्यक्ष पद के लिए अपने चुनाव के मामले मे सरकार द्वारा नियुक्त पंच की अदालत में चन्द्रपाल सिंह की हार के व्यापक नतीजे हो सकते है।
मामला पंच मांझी की अदालत में लंबित था और 15 मार्च को निर्णय आने की उम्मीद थी, झाँसी विधानसभा चुनाव में अपनी पराजय के बाद परेशान चन्द्र पाल की पंच की अदालत हार ने NCUI को घोर संकट में डाल दिया है।
याचिकाकर्ता राजेंद्र शर्मा ने भारतीय सहकारिता डॉट कॉम से बात करते हुए कहा कि, उन्हें पंच के कार्यालय द्वारा सूचित किया है कि चन्द्र पाल सिंह का चुनाव नियम के उलंघन में हुआ है, श्री शर्मा हिमाचल प्रदेश में पत्रकार है।
जब भारतीय सहकारिता डॉट कॉम ने श्री चन्द्र पाल सिंह से संपर्क किया तो उन्होनें कहा कि मुझे सूचित नहीं किया गया है और मुझे कुछ पता नहीं है, मेरे पास जब प्रामाणिक नोटिस आएगा तब मैं अपनी प्रतिक्रिया दूंगा।
इस बीच भारतीय सहकारिता डॉट कॉम, को पता चला है कि NCUI के अधिकारीगण संकट की स्थिति से बाहर के निकलने के उपायों पर आपस में विचार विमर्श कर रहे है।
सूत्रों के अनुसार चन्द्र पाल के निर्णय को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगे, नाम न छापने की शर्त पर उनके एक विश्वासपात्र ने बताया कि यह पंच अंतिम अदालत नहीं है और हम इस फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख करेंगे।
बहु राज्य सहकारी अधिनियम 2002 के विशेषज्ञों के अनुसार, कृषि मंत्रालय के निर्णय के प्रकाश में अध्यक्ष पद के इस्तीफे की मांग और एक प्रशासक की नियुक्ति तक नए अध्यक्ष के पुनर्निर्वाचन के विचार उठ सकते है।
याचिकाकर्ता चन्द्र पाल सिंह के योगदानकर्ता सहकारी संगठन से एक नामित सदस्य होने के आधार पर चुनाव को चुनौती दी थी, केवल वे ही लोग NCUI के अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ सकते है, जो नामित नही हैं , ऐसा 2002 अधिनियम कहता हैं।
NCUI के अध्यक्ष के करीबी सूत्रों का मानना है कि उच्च न्यायालय में चंद्रपाल का केस मजबूत साबित हो सकता है , आवेदक प्रभावित पक्ष नहीं था और उसकी याचिका पर सुने जाने का कोई तुक नही बनता है।
चंद्रपाल सिंह, अखिलेश यादव के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए लखनऊ गए थे, जहाँ उनको पंच के निर्णय के बारे में सूचना दी गई, खबर है कि चन्द्र पाल के समर्थक और वकील इस संकट से उबरने के उपायों पर लगातार बैठक कर रहे हैं।