राज्य में कृषि समस्याओं के लिए एक नए समाधान के तौर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह ने एक अलग कृषि बजट लाया है। इस बजट में कृषि क्षेत्र के लिए 6244 करोड रुपए का प्रावधान किया गया है।
श्री सिंह ने सहकारी आंदोलन के बल पर ग्रामीण क्रांति की शुरूआत करने का वादा भी किया है, उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ में सहकारी आंदोलन पहले से ही मजबूत है। इस बजट में उन्होंने सहकारी समितियों की मदद के साथ-साथ कई ग्रामीण विकास परियोजनाओं को लागू करने की भी कोशिश की है।
यह कृषि बजट राज्य के सामान्य बजट का 17 प्रतिशत है।
यह माना जा रहा है कि विशेष कृषि बजट से छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
बजट मे अल्पावधि कृषि ऋण पर ब्याज की दर तीन से एक फीसदी तक घटा दिया गया है और यह कमी सहकारी ऋण पर भी लागू होगी।
रमन सिंह को सहकारी समितियों के माध्यम से धान खरीद का एक सुंदर मॉडल तैयार करने का श्रेय जाता है, यह मॉडल इस तरह हिट हुआ है कि बिहार, पश्चिम बंगाल और अन्य कई राज्यों ने इस मॉडल को अपना लिया है।