एक सहकारी बैंक को खोलने के लिए 15 लाख रूपए की पूंजी की जरूरत होती थी लेकिन अब ऐसा नहीं है। भारतीय रिजर्व बैंक के नए दिशा निर्देशों के मुताबिक अब इसके लिए 3 करोड रुपए कि जरुरत होगी।
रिजर्व बैंक ने साफ कर दिया है कि सहकारी बैंक को खोलने के लिए न्यूनतम पूंजी को जल्द ही 15 लाख रुपये से 3 करोड़ रुपये कर दिया जाएगा।
यह बदलाव स्थान और क्षेत्र पर निर्भर करता है,भारतीय रिजर्व बैंक के कार्यकारी निदेशक एस. करुप्पसामी ने संवाददाताओं से बात करते हुए बताया कि पिछड़े क्षेत्रों में बैंक की स्थापना के लिए उदार नियम होंगे।
उन्होंने कहा कि मौजूदा नियमों के तहत, एक सहकारी बैंक 15 लाख रुपये की न्यूनतम पूंजी के साथ स्थापित किया जा सकता है, जिसे अब पिछडे क्षेत्रों में 50 लाख रुपये में वृद्धि की जानी है, और शहरी क्षेत्रों में पहले से ही यह 3 करोड़ रु. है।
नए दिशा निर्देशों के बारे में करुप्पसामी ने कहा कि, “हम अंतिम चरण में हैं…….जल्दी ही हम निर्णय ले लेंगे”।
महाराष्ट्र में सहकारी बैंक मजबूत स्थिति में है, जो बैंकों के क्षेत्र में सबसे ऊपर है जबकि तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात जैसे अन्य राज्यों में भी बैंकिग के क्षेत्र काफी मजबूत है।
नए दिशा निर्देशों में एक प्रावधान है जिसके तहत अच्छी तरह से प्रबंधित सहकारी ऋण समाज सहकारी बैंकों में बदले जा सकते हैं।
सहकारी बैंकों में गोल्ड लोन की सुविधा भी उपलब्ध हैं, करुप्पसामी, ग्रेटर बॉम्बे सहकारी बैंक के नए लोगो का अनावरण करने के बाद बोल रहे थे।
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